हथेलियों पर किस्मत
के प्रिंटर से छपी
भाग्य रेखा
जहाँ खत्म होती थी
वो मंज़िल
बड़ी फीकी थी ।
और मैं ठहरी
मीठे की शौकीन
उम्मीद थी ही नहीं
प्यार से प्यार मिलने की
तो रास्तों से
दोस्ती कर ली ।
किस्मत का कैलकुलेटर
बड़ा सही हिसाब
रखता है
सुनहरा सफर
फीकी मंज़िल में
यादों की मिश्री
घोलता है ।